Tuesday, April 24, 2018

वोट तन्त्र का गणित

वोटतन्त्र का गणित

वोटतन्त्र में बदला गणित है
पहले मुस्लिम,अब दलित है
जाति,धर्म,मजहब बंटवारा
राजनीति का यही चरित है।
          पहले मुस्लिम अब दलित है।
जनता से नहीं है लेना देना
मुद्दों को बस, जिंदा रखना
वोटों की बस गिनती करना
सियासत का यही गणित है।
          पहले मुस्लिम अब दलित है।
दंगे-फसाद के सब जड़ हैं
जंग जिहाद के सब गढ़ हैं
विकास की महिमामण्डित
इशारों पे ही, सब घटित है।
          पहले मुस्लिम अब दलित है।
वोटों की खातिर, बे-जमीर
नोटों में होते है बड़े अमीर
करनी कथनी में अंतर बड़ी
सेक्युलर होते तथाकथित हैं।
           पहले मुस्लिम अब दलित हैं।

©पंकज प्रियम
24.4.2018

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