Monday, April 9, 2018

नाराज़ जिंदगी

जिंदगी
तबियत थोड़ी क्या नासाज है
लगता जीवन का आगाज़ है
इतना भी न मुंह मोड़ जिंदगी
अखिर क्यूँ तू इतनी नाराज है?

देखना कल फिर से उठ जाएंगे
देखना तुझे फिर गले लगाएंगे
कल नहीं होगी,मेरी हालत ऐसी
जिस हाल में बिस्तर पे आज हैं।

जीवन सुख दुःख का पहिया है
सबकुछ ही तो नहीं रुपैया है
स्वस्थ जीवन,प्रेम समर्पण
जीने का यही तो अंदाज है।
#feelingnotwell

©पंकज प्रियम
9.4.2018

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