Tuesday, April 17, 2018

और न करो बलात्कार!


शुक्रिया !बहुत मचाई हाहाकार
अब और न करो मेरा बलात्कार
मेरे नाम पर चिल्लाते टीवी सारे
तस्वीरों से भरा है पूरा अख़बार।
अब न करो....
फ़ेसबुक,ट्विटर और व्हाट्सप
बस इसमे चलता मेरा ही गपसप
प्रदर्शनों में उछला नाम बारम्बार
खूब गरम है मीडिया का बाज़ार।
अब न करो...
मत पूछो,कितना होता दर्द मुझे
जब मेरी कहानी कहते बारबार
एहसास नहीं है मेरे दर्द का तुझे
सवालों से मां-बाबा होते दो-चार।
अब न करो.....
बहुत हो चुका धर्म का बंटाधार
जाति मजहब की जयजयकार
मौत पे खूब सियासी रोटी सेंकी
खूब बढ़ा लिया तुमने जनाधार।
अब न करो.....
नहीं चाहिए मुझे भीख का चन्दा
नहीं चाहिए झूठे नेताओं की निंदा
अब बस मुझे यही न्याय स्वीकार
दुष्कर्म मुक्त हो जाये धरा इसबार।
अब न करो....
©पंकज प्रियम
17.4.2018

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