Sunday, April 22, 2018

देखते देखते-4

देखते देखते-4
वो क्या से क्या हो गया,देखते देखते
दर्द से जख्म भर लिया देखते देखते।

जख़्मों को भरा था मुश्किल से हमने
कैसे फिर हरा हो गया देखते देखते।

बसाया था जिन्हें दिल में कभी हमने
कैसे वो दिल तोड़ गया देखते देखते।

लगाई थी बाजी कभी चाहत में हमने
वो खेलकर चल गया देखते देखते।

जफ़ाओं को वफ़ा समझ लिया हमने
वो बेवफ़ा निकल गया देखते देखते।

उनको बनाया था खुदा, प्रियम तुमने
कैसे हो गया तुमसे जुदा,देखते देखते।
©पंकज प्रियम
22.4.2018

No comments: