Friday, April 20, 2018

बलात्कार

बलात्कार !

बहुत हुआ मासूमों पे अत्याचार
कर लिया हमने बहुत हाहाकार
विरोध प्रदर्शन से नहीं कुछ होगा
कोशिश यही की रुके बलात्कार।

ये नहीं किसी धर्म का विषय है
ये तो केवल अधर्म का विषय है
जाति मज़हब से कुछ नहीं होगा
सामाजिक संस्कार का विषय है।

पुरातन संस्कृति में बसना होगा
संस्कारों को फिर से रचना होगा
पाश्चात्य जीवन का करके त्याग
गुरुकुल परम्परा में पढ़ना होगा।

नारी को ही तलवार बनना होगा
खुद अपना हथियार बनना होगा
वेदना,संवेदना से निकलकर उन्हें
सुरक्षा का अधिकार लेना होगा।

सियासत को दूर रखना ही होगा
समाज को ही आगे बढ़ना होगा
सबको साथ मिलकर ही इसका
ठोस उपाय,अवश्य ढूंढ़ना होगा।

घटना का हम क्यूँ करें इंतजार?
पहले ही क्यूँ न करे हम प्रहार!
दुष्कर्मी को कठोर दंड देना होगा
तभी थमेगा यहां पर ये दुराचार।

©पंकज प्रियम
20.4.2018

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