Friday, April 20, 2018

किसका क़सूर?

कौन कसूरवार?

वो कहते की पहनावा है जिम्मेवार
लड़कियों का दिखावा है जिम्मेवार
मगर उन बच्चियों का क्या कसूर
क्यूँ होता है मासूमों का बलात्कार?

कपड़ा ही अगर होता जो कसूरवार
भड़काऊ फिगर होता जो जिम्मेदार
तो बच्चे और बुजुर्गों का नही होता
कभी भी इतनी निर्दयता से दुराचार।

पांच का बचपन या उम्र हो पचपन
उनका भी दुष्कर्म होता है हरक्षण
जेंडर का भी इसमें कोई दोष नहीं
लड़कों का भी होता यौन उत्पीड़न।

स्त्री के निजी अंगों का नहीं दोष है
वो तो नवसृजन करते निर्दोष हैं
दोष है गन्दे संस्कारों,विचारों का
घृणित मानसिकता का सब दोष है।
©पंकज प्रियम
20.4.2018

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